तेरे नाम

🌳तेरे नाम🌳

मैं कैसे भूलूं उस बीते वक़्त को,
जिसने प्यार में तेरे मुझे बदनाम कर दिया,,
आँखे तो बयां करती ही थीं ,
फिर तो लभों ने भी वही सब सरे आम कर दिया,,
नए वक़्त के चौखट पे सब सलाम करते हैं अपनों को,
मेरा तो अब कोई अपना नहीं ,
जो बचा था वो तूने नीलाम कर दिया,,
सिर्फ दर्द ही बचे हैं जो सूखते नहीं,
पनपने को नए साल ने याद् पैगाम दे दिया,,
जो मुस्कराहट तूने दी थी क्षण भर के लिए मेरे होंठों को,
उस हंसी को मैंने कब का सलाम कह दिया,,
तू सलामत रहे हर वक़्त यही ख्वाहिस है 'साहनी',
अब तो सांसों को भी मैंने तेरे नाम कर दिया,,

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