मीठा ज़हर
प्यार का मीठा जहर
प्यार का मीठा जहर हमें
भी पिलाया था किसी ने,
मुहब्बत के सपनो को इस
दिल में बसाया था किसी ने,,
इज़हार का वादा कर के यूँ
ना बिछड़ेंगे हम,
यादों की इस बरसात में
नहलाया था किसी ने,,
ये बेदर्दी ज़माना भी
तारीफ़ ही करे उनकी,
जो इस मासूम दिल को जलाया था किसी ने,,
याद् आती हैं उनकी वो
तिरछी निगाहें,
जो इस दीवाने के दिल में
चलाया था किसी ने,,
राज क्या है मैं कैसे
बताऊँ तुम्हें,
दिल का सपना है कैसे
दिखाऊँ तुम्हें,,
कि यादों के मौसम में
मुझको न जाने कैसे भूलाया था किसी ने,,
ये ज़ुल्मों की दुनियां
साहनी को क्या जाने,
क्या उन्हें भी इस तड़प से
बचाया था किसी ने,,
Comments
Post a Comment