सपना में


सपना में

 

एंगां सपना में आके जागवल न करऽ,

हमार पुरनकी बेमरिया बढावल ना करऽ,,

तुहरे अँखियाँ के कज़रा हई बही जाई सगरो,

मोती अशुआ के अईसन चुआवल ना करऽ,,

दूरी दिलवा के हमसे बढ़ा के ए जान,

अईसे पानी बिन मछरिया तड़पावल ना करऽ,,

ई नजरिया के छूड़ी करेजवा में चला के,

हम पे बड़की बिजुरिया गिरावल ना करऽ,,

मारी मुसुकी के जादू  तनी देखि हमरे ओरियां,

पानी दे के हई पौधवा जियावल त करऽ,,

अईसे सबसे नजरिया लड़ा के ऐ गोरी ,

‘साहनी के बेमौत मुआवल ना करऽ,,

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