नीलामी

नीलामी

तेरी अदा पर हम खुशियाँ लुटा देंगे,,
यकीं न हुआ ग़र इससे भी तुझको,
कसम ज़िन्दगी की ये जान भी गवां देंगे,,
जरुरत पड़ी जो मेरे आसुओं की,
बहके अश्कों की धारा अपनी आँखें सुज़ा देंगे,,
खुशी का ठिकाना न होगा तेरे मन की कोठारिया में,
गम की घटाओं को हम इक पल ही में हटा देंगे,,
'साहनी' रह का तेरे पथ्थर जो बनेगा,
खातिर ख़ुशी के तेरे उसे फांसी दिला देंगे,,

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