रूठो मत
रूठो मत
यूँ रूठो मत ऐ मेरे दिल
की धड़कन,
तुम्हारे रूठने से तो
मेरी जाँ ही निकल जाती है,,
मुस्कुराती हो जब तुम
देखकर मुझे,
दिल की धडकनें ही नहीं साँस
में साँस भी आ जाती है,,
खो जाती हो जब मेरी आँखों
से इक पल के लिए,
तो छाया बादल ग़मों की वो
बरसात नज़र आती है,,
तुम हो शायद मेरे दिल की
रोशनी,
ज़िन्दगी ‘साहनी’ की जो यार नज़र आती है,,
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