चाहत

   चाहत 

अक्सर सपने में तू आती क्यों है?,
रह-रह के मुझे ऐसे बुलाती क्यों है?,,
मैं तो भूलना ही चाहता हूँ तुझे,
तू फिर याद आती क्यों है,,
इज्जतें,आदर,प्यार है माँ-बाप का,
इक पल में इन्हें ऐसे भुलाती क्यों है?,,
रूठ जाता हूँ जो मैं अपने अतीत से,
यूँ बार-बार ऐसे मनाती क्यों है?,,
ये तमन्ना मेरी भी है कि तझे अपना लूँ,
पर ये दुनिया हमें ऐसे जलाती क्यों है?,,
जमाना न होने देगा मंगलसूत्र तेरे गले का,
"साहनी" का ये सिन्दूर लगाती क्यों है?,,

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